Friday, August 04, 2006

नया अमृत

दवाओं की अल्मारियो से सजी
इक दुकान में
मरीज़ों के अन्बोह में मुज़्महिल-सा
इक इन्सान खडा है

जो इक कुबडी-सी शीशी के
सीने पे लिखे हुए
एक-इक हर्फ़ को ग़ौर से पढ रहा है

मगर इसपर तो 'ज़हर' लिखा हुआ है
इस इन्सान को क्या मर्ज़ है?
ये कैसी दवा है?

(शहरयार)

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